
भगवान गणेश जी की आरती हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है। उन्हें विघ्नहर्ता (विघ्नों को दूर करने वाले), सिद्धिविनायक (सफलता देने वाले) और गणों के ईश्वर माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से होती है।
गणेश जी की आरती (Jai Ganesh Deva):
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦1♦
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ♦2♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा♦3♦
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ♦4♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦5♦
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ♦6♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦7♦
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦8♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦9♦
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ♦10♦
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ♦11♦
꧁༺ भगवान गणेश की जय ༻꧂
꧁༺ पार्वती के लल्ला की जय ༻꧂